Majaz lakhnavi
तुझी से तुझे छीनना चाहता हूं
ये क्या चाहता हूं, ये क्या चाहता हूं।
जिगर और दिल को बचाना भी है
नज़र आप ही से मिलाना भी है
मोहब्बत का हर भेद पाना भी है
मगर अपना दामन बचाना भी है
Shayar
ताउम्र साथ निभाने की वो
कसमे दो पल में टूट जाती है,
मोहब्बत से बने इन रिश्तों में
आखिर कमी कहाँ रह जाती है।
बिना ग़लती के हाथ जोड़ते
और पैर पकड़ते देखा हैं,
रिश्तों को बचाने के लिये लोगों
को कितना कुछ करतें देखा हैं।
Qateel Shifai
मुसीबतों से भरी है रात, सितारों, तुम सो जाओ,
खामोशी मौत है, सितारों, तुम सो जाओ
हे प्रेम, मुझे यह चमत्कार दिखाओ
कि पत्थर तुम्हारे ऊपर गिरे और मुझे चोट लगे
होठों को सजाना चाहता हूँ,
तुझे गुनगुनाना चाहता हूँ..
जिस व्यक्ति से मैं प्यार नहीं करता, वह
मुझे हंसते हुए देखकर नफरत नहीं करता
Bahadur Shah Zafar
तुम ने किया न याद कभी भूल कर हमें
हम ने तुम्हारी याद में सब कुछ भुला दिया
उसकी आँखों ने ख़ुदा जाने किया क्या जादू
कि तबीअ’त मिरी माइल कभी ऐसी तो न थी
अब की जो राह-ए-मुहब्बत में उठाई तकलीफ़
सख़्त होती हमें मंज़िल कभी ऐसी तो न थी
Bahadur Shah Zafar Shayari
चश्म-ए-क़ातिल मिरी दुश्मन थी हमेशा लेकिन
जैसी अब हो गई क़ातिल कभी ऐसी तो न थी
बात करनी मुझे मुश्किल कभी ऐसी तो न थी
जैसी अब है तेरी महफ़िल कभी ऐसी तो न थी
अब के हम बिछड़े तो शायद कभी ख्वाबों में मिलेंगे,
जिस तरह सूखा हुए फूल किताब में मिले।
Ab ke hum bichrre to shayad kabhi khawbon mein milen,
Jiss tarah sookhay hue phool kitabon main milen.
हुआ है तुझ से बिछड़ने के बा’द ये मा’लूम
कि तू नहीं था तिरे साथ एक दुनिया थी
सुना है लोग उसे आँख भर के देखते हैं
सो उस के शहर में कुछ दिन ठहर के देखते हैं
सुना है बोले तो बातों से फूल झड़ते हैं
ये बात है तो चलो बात कर के देखते हैं
Ahmad Faraz
आंख से दूर ना हो दिल से उतर जाएगा,
वक़्त का क्या है गुज़रता है गुज़र जाएगा।
Aankh Se Dur Na Ho Dil Se Utar Jayega,
Waqt Ka Kya Hai Guzarta Hai Guzar Jayega.
चला था ज़िक्र जमाने की बेवफाई का,
सौ आ गया है तुम्हारा ख्याल वेसे ही।
Chala tha zikr zamane ki bewafayi ka,
Sau aa gaya hai tumhara khayal wese hi.
Love Shayari
रूठ जाने की अदा हम को भी आती है,
काश होता कोई हम को बी मनाने वाला।
Rooth Jane Ki Ada Hum Ko Bi Aati Hai,
Kash Hota Koi Hum Ko Bi Mnane Wala.
हम तो मोहब्बत में भी तौहीद के क़ैल हैं फ़राज़,
एक ही शक्स को महबूब बनाया रखा है!
Hum Toh Mohabbat Mein Bhi Tauheed Ke Qail Hain Faraz,
Aik Hee Shaks Ko Mehboob Banaye Rakha Hai
Ahmad Faraz Shayari
ये मोहब्बत भी है क्या रोग फ़राज़,
जिस को भूलें वो सदा याद आए..
Yeh mohabbat bhi hai kya rog faraz,
Jis ko bhoolen woh sadaa yaad aye..
तेरे होते होए आ जाती थी सारी दुनिया
आज तन्हा हूं तो कोई नहीं आने वाला।
Tere Hote Hoye Aa Jati Thi Sari Dunya
Aaj Tanha Hun Tu Koi Nahi Aane Wala.
Motivational Shayari
टूटा तो हूं मगर अभी बिखरा नहीं फ़राज़,
वक्त ज़ालिम है हर एक मोड़ पे ठुकराए गा।
Tuta Toh Hoon Magar Abhi Bikhara Nahi Faraz,
Waqt Zalim Hai Har Aik Mor Pe Thukraye Ga.
आंख से दूर ना हो दिल से उतर जाए गा
वक़्त का क्या है गुज़रता है गुज़र जाए गा।
Aankh Se Door Na Ho Dil Se Utar Jaye Ga
Waqt Ka Kya Hai Guzarta Hai Guzar Jaye Ga.